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साइबर क्राइम आफ प्रिवेंशन यूनिट कहाँ स्थित है? Cyber crime of prevention Unit locations in india

साइबर क्राइम आफ प्रिवेंशन यूनिट कहाँ स्थित है? Cyber crime of prevention Unit locations in india


भारतीय साइबर क्राइम समन्वय केन्द्र (आई4सी) योजना का ब्योरा

क्र. संशीर्षकडाउनलोड/लिंक
1आई4सी योजना का संक्षिप्त विवरण
2आई4सी योजना के घटक
3राष्ट्रीय साइबर थ्रेट विश्लेषण यूनिट (TAU)
4राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल
5संयुक्त साइबर क्राइम जांच टीम के लिए प्लेटफार्म
6राष्ट्रीय साइबर क्राइम फोरेन्सिक प्रयोगशाला पारिस्थितिकी
7राष्ट्रीय साइबर क्राइम प्रशिक्षण केन्द्र (NCTC)
8साइबर क्राइम पारिस्थितिकी प्रबंधन यूनिट
9राष्ट्रीय साइबर अनुसंधान एवं नवोन्मेषण केन्द्र

State/UT Nodal Officer and Grievance Officer contact details

Note: Complainant who registered complaint using "Report & Track" option on the National Cyber Crime Reporting Portal,may contact the respective State/UT Nodal Officer or Grievance Officer if the response has not been appropriate.
Nodal Cyber cell OfficerGrievance Officer Details
S.NoState/UT'sNameRankEmailNameRankContactEmail
1ANDAMAN & NICOBARSh. Sanjay KumarIGPigpint.and@nic.inSh.Deependra PathakDGP03192-230216dgp.and@nic.in
2ANDHRA PRADESHMs. D Mary PrasanthiSPcybercrimes-cid@ap.gov.inSh. J Prabhakar RaoDIGP0863-2340152cybercrimes-cid@ap.gov.in
3Arunachal PradeshSH. Navdeep Singh BrarSPspcr@arunpol.nic.inSh. Take RinguDIGP0360-2215518sit@arunpol.nic.in
4AssamSh Mridulananda SarmaDIGPdigp-cid@assampolice.gov.inSh. Surendra kumarIGP0361-2524494igp-cid@assampolice.gov.in
5BiharSh D. AmarcaseASPcybercell-bih@nic.inSh. Shiv Kumar JhaDIGP0612-2238098dgp-bih@nic.in
6ChandigarhSh Omvir Singh BishnoiDIGdig-chd@nic.inMs. Nilambari JagadaleSSP0172-2760001pssput-chd@nic.in
7ChhattisgarhMs. Manisha Thakur RawteAIGPaigtech-phq.cg@gov.inSh. R K VijSPL DGP0771-2511623vijrk@gov.in
8DADRA & NAGAR HAVELIMs. Manasvi JainDy. SPitcell-dnhp@mha.gov.inSh. Sharad BhaskarSP0260-2643022sp-sil-dnh@nic.in
9Daman & DiuSh Rajnikant AwadhiyaDySPsdpo-daman-dd@gov.inSh. Vikramjit Singh IPSSP0260-2250942sp-dmn-dd@nic.in
10DelhiSh Anyesh RoyDCPacp.cybercell@delhipolice.gov.inMr. Prem NathAddl.CP011-20892633jtcp-ops-dl@delhipolice.gov.in
11GoaSh Pankaj Kumar SinghDIGPpicyber@goapolice.gov.inSh. ParamadityaDIGP0832-2420883digpgoa@goapolice.gov.in
12GUJARATSh Rajesh GadhiyaSPcc-cid@gujarat.gov.inDr. Shamsher SinghADGP079-23250798cc-cid@gujarat.gov.in
13HaryanaSh Ashwin ShenviSPsp.crime2pkl@hry.nic.inSh. Kuldip Singh SiagADGP01733-253230igp.crime2-hry@nic.in
14Himachal PradeshSh Narveer RathoreDSPpolcyberps-shi-hp@nic.inSh. Sandeep DhawalSP0177-2627955sp-cyber-hp@nic.in
15JAMMU & KASHMIRSh Mukesh SinghIGPigcrime-jk@nic.inSh. B SrinivasADGP0191-2582996adgpcidjk@jkpolice.gov.in
16JharkhandMs. Vijaya LaxmiSPcyberps@jhpolice.gov.inSh. Ranjit PrasadIGP0651-2490046ig-orgcid@jhpolice.gov.in
17KarnatakaSh S. BadrinathDy. SPbadri@ksp.gov.inSh. T D PawarDIGP080-22251817digadmincod@ksp.gov.in
18KeralaSh SreejithIGPigpcrimes.pol@kerala.gov.inSh. Dr. Shaik DarveshADGP0471-2722215adgpcrimes.pol@kerala.gov.in
19LakshadweepSh Ramdulesh MeenaDSPlak-sop@nic.inSh. Shibesh SinghSSP04896-262258lak-sop@nic.in
20Madhya PradeshSh Niranjan B VayangankarDIGPmpcyberpolice@mppolice.gov.inSmt. Aruna Mohan RaoSPL DGP0755-2770248spl.dgp-cybercell@mppolice.gov.in
21MAHARASHTRASh Balsing RajputSPsp.cbr-mah@gov.inSh. Brijesh SinghSPL IGP/ DGP022-22160080ig.cbr-mah@gov.in
22ManipurMs. Joyce LalremmawiSPcidcb-mn@nic.inSh. Themthing NgashangvaDIGP0385-2450573themthing.ng@gov.in
23MeghalayaSh M.G.T SangmaSPsspcid-meg@gov.inSh. F G KharshiingDIGP0364-2550141fg.kharshiing@ips.gov.in
24MizoramSh Lalhuliana.SanaiSPcidcrime-mz@nic.inSh.Balaji Srivastava IPSDGP0389-2334682polmizo@rediffmail.com
25NagalandSh Zekotso MeroIGPcybercrimeps-ngl@gov.inSh. Renchamo P. KikonADGP0370-2223897renchamo.p@gov.in
26ODISHASh Bijay Kr MallickDSPdirscrb.odpol@nic.inSh. Madkar Sandeep SampatSP0671-2306071sp1cidcb.orpol@nic.in
27PuducherrySh Mahesh kumar BarnwalSSPcybercell-police.py@gov.inSh. Dr. VJ ChandranDIGP0413-2231386dig.pon@nic.in
28PunjabSh Inderbir SinghAIGaigcc@punjabpolice.gov.inSh. Hardial Singh MannDIGP0172-2226258aigcc@punjabpolice.gov.in shocc@punjabpolice.gov.in
29RajasthanSh Mohar singh PuniaDy. SPccps-raj@nic.inSh. Sharat KavirajDIG,SCRB0141-2740898sharat.kaviraj@rajasthan.gov.in
30SikkimSh Manish Kumar VermaSPspcid@sikkimpolice.nic.inSh. Sonam Detchu BhutiaDySP03592-204297spcid@sikkimpolice.nic.in
31TAMIL NADUSh G Shashank Sai (for OTHER CYBER CRIMES)SPsp1-ccdtnpolice@gov.inSh. C SridharIGP044-28512503cbcyber@nic.in
32TAMIL NADUSmt. Jayashree V. (for Women and Children related)SPspcybercbcid.tnpol@nic.inSh. C SridharIGP022-28512503cbcyber@nic.in
33TelanganaSh B. Ravi Kumar ReddyDySPccps.cid@tspolice.gov.inSmt. Swathi LakraIGP040-23147604igp_wpc@cid.tspolice.gov.in
34TripuraSh Sharmistha ChakrabortyTPSspcybercrime@tripurapolice.nic.inShri Subrata ChakrabortyAIGP,Crime0381-2321741aigcrime@tripurapolice.nic.in
35UTTARAKHANDMs. Riddhima AggarwalDIGccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.inSh. Deepam SethIGP0135-2712563dgc-police-ua@nic.in
36UTTAR PRADESHSh Vivek RanjanDSPccpsstf.gb-up@gov.inDR. kalluri SP KumarADG(Crime),0522-2208598ccpsstf.gb-up@gov.in
37West BengalSh Dhruba Das, IPSAddl. SPccpwb@cidwestbengal.gov.inSh. Ashok Kumar PrasadIGP033-24791830ig2@cidwestbengal.gov.in


राज्य के सभी जिलों में साइबर क्राइम व सोशल मीडिया यूनिट (सीसीएसएमयू) गठित हो गई है। पहले चरण में 40 यूनिट का गठन किया गया है। इन यूनिटों को क्रियाशील बनाने के लिए आवश्यक कंप्यूटर, लैपटॉप, सॉफ्टवेयर व अन्य तकनीकी संसाधन उपलब्ध करा दिए गए हैं। ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार के मुताबिक दूसरे चरण में 34 यूनिटों के गठन की प्रक्रिया जारी है। सभी यूनिटों के लिए कुर्सी, टेबुल, आलमारी व अन्य आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं। जिला स्तर पर 1 से 4 यूनिट खोले जा रहे हैं। इसके तहत 20 से कम थानों वाले जिले में 1 यूनिट, 21 से 40 थाने वाले जिलों में 2 यूनिट आैर 41 से 60 या अधिक थाने वाले जिलों में 3 यूनिट होंगे। सिर्फ पटना जिला में 4 यूनिट खोले जाएंगे। इसमें हर एसपी (ग्रामीण व शहरी) के लिए 1-1 यूनिट होंगे। सीसीएसएमयू की राज्यस्तरीय नोडल एजेंसी ईओयू में 5 यूनिट होंगे। इसके अलावा साइबर फोरेंसिक यूनिट व साइबर ट्रेनिंग एकेडमी में 1-1 यूनिट रहेंगे। हर रेल जिले (कुल 4 जिले) में भी 1-1 यूनिट काम करेगा।

1100 पुलिस अफसरों को मिलेगी ट्रेनिंग : गृह मंत्रालय की साइबर क्राइम प्रिवेंशन फॉर वीमेन एंड चिल्ड्रेन स्कीम (सीसीपीडब्लूसी) योजना के तहत देश में 2500 महिला पुलिस अफसर, 25 हजार पुलिस अफसर व 13 हजार न्यायिक पदाधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। बिहार में कुल 2200 पुलिस अफसर, लोक अभियोजक व न्यायिक पदाधिकारियों को ट्रेंड किया जाएगा। इसके तहत 100 महिला पुलिस अफसरों समेत 1100 पुलिस अफसरों को साइबर क्राइम जागरुकता, 200 लोक अभियोजक व 200 न्यायिक पदाधिकारियों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। 50 महिला थानेदार समेत 700 थानेदारों को साइबर क्राइम अनुसंधान विषय पर 5 दिवसीय ट्रेनिंग दी जा रही है। इस कड़ी में बीते जून से अब तक 142 थानेदारों को ट्रेंड किया जा चुका है।


साइबर अपराध में सालाना 200 फीसदी हो रही वृद्धिसाइबर अपराध में सालाना 200 फीसदी वृद्धि हो रही है। पिछले वर्ष 500 से अधिक साइबर अपराध के मामले हुए। जिलों के स्तर से आैसतन हर रोज दो मामले तकनीकी सहयोग के लिए साइबर सेल के पास आते हैं। बड़े शहरों के अलावा राज्य के छोटे शहरों, कस्बों से लेकर सुदूर ग्रामीण इलाकों तक साइबर अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। ऐसे मामलों की जांच के लिए एक्सपर्ट अफसर व कर्मियों के साथ विशेष सेल की आवश्यकता लंबे समय से बिहार पुलिस महसूस कर रही थी। इसे लेकर ईओयू ने पिछले वर्ष जनवरी 2017 में सीसीएसएमयू के गठन के बाबत गृह विभाग को प्रस्ताव दिया था। फिलहाल साइबर अपराध की रोकथाम व नियंत्रण के लिए राज्य स्तर पर ईओयू में साइबर यूनिट कार्यरत है।

2 वर्षों के लिए पुलिस अफसरों की पोस्टिंगसीसीएसएमयू में पुलिस इंस्पेक्टर या एसआई की पोस्टिंग 2 वर्षों के लिए होगी। एक यूनिट में कुल 10 अफसर व अन्य कर्मी रहेंगे। हर यूनिट के प्रभारी कंप्यूटर में दक्ष इंस्पेक्टर स्तर के अफसर होंगे। साथ ही यूनिट में 3 दारोगा, 2 साक्षर सिपाही आैर 4 कंप्यूटर तकनीक विशेषज्ञ (1 प्रोग्रामर व 3 डाटा सहायक) की तैनाती होगी। यूनिट में तकनीकी एक्सपर्ट की भूमिका निभाते हुए प्रोग्रामर सभी प्रकार के साइबर अपराध, सोशल मीडिया व आईटी एक्ट के दुरुपयोग को लेकर दर्ज होने वाले मामलों की जांच में सहयोग करेंगे। सिपाही (डाटा सहायक) अपराधों के अनुसंधान में अभिलेखीय साक्ष्यों को प्राप्त करने में आईओ की मदद करेंगे।

I. आई4सी योजना का संक्षिप्त विवरण



  • साइबर क्राइम के विरुद्ध लड़ने में नोडल बिंदु के रूप में कार्य करना
  • एलईए की अनुसंधान समस्याओं/जरूरतों की पहचना करना और भारत एवं विदेश में शैक्षणिक अनुसंधान संस्थाओं के सहयोग से नई प्रौद्योगिकियां और फोरेन्सिक उपकरण विकसित करने में आर एंड डी कार्यकलाप शुरू करना
  • यह योजना 415.86 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ प्रस्तावित है और दो वर्ष तक चलती रहेगी
  • अतिवादियों और आंतकवादियो की गतिविधियों को रोकने के लिए साइबर स्पेस के दुरुपयोग को रोकना
  • तेजी से बदलती हुई प्रौद्योगिकी और अन्तराष्ट्रीय सहयोग के साथ कदम मिलाकर चलने के लिए साइबर कानूनों में यथापेक्षित संशोधनों का सुझाव देने
  • गृह मंत्रालय में संबंधित नोडल प्राधिकारी के परामर्श से साइबर क्राइम से संबंधित अन्य देशों के साथ हुई पारस्परिक विधिक सहायता संधि (एमएलएटी) के कार्यान्वयन से संबंधित सभी गतिविधियों का समन्वय करना

II. आई4सी योजना के घटक



  • राष्ट्रीय साइबर थ्रेट विश्लेषण यूनिट (TAU)
  • राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग
  • संयुक्त साइबर क्राइम जांच टीम के लिए प्लेटफार्म
  • राष्ट्रीय साइबर क्राइम फोरेन्सिक प्रयोगशाला (NCFL) पारिस्थितिकी
  • राष्ट्रीय साइबर क्राइम प्रशिक्षण केन्द्र (NCTC)
  • साइबर क्राइम पारिस्थितिकी प्रबंधन यूनिट
  • राष्ट्रीय साइबर अनुसंधान एवं नवोन्मेषण केन्द्र

1. राष्ट्रीय साइबर जोखिम विश्लेषण यूनिट (TAU)



  • यह कार्य राष्ट्रीय साइबर जोखिम विश्लेषण यूनिट से पूरा किया जाएगा, जो विधि प्रवर्तन कार्मिकों, निजी क्षेत्र के व्यक्तियों, शैक्षणिक संस्थाओं और अनुसंधान संगठनों को साइबर क्राइम के सभी जटिल स्वरूपों का विश्लेषण करने में सामूहिक रूप से कार्य करने के लिए एक प्लेटफार्म मुहैया कराएगा
  • जोखिम विश्लेषण यूनिट साइबर क्राइम जोखिम आसूचना रिपोर्टे भी तैयार करेगी और विशेष साइबर क्राइम केन्द्रित चर्चाओं पर आवधिक परिसंवाद आयोजित करेगी
  • विधि प्रवर्तन विशेषज्ञों और उद्योग विशेषज्ञों को एक साथ लाने के लिए मल्टी-स्टेकहोल्डर माहौल तैयार करना

2. राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग



  • यह इकाई विशेषज्ञ जांच टीमों का सृजन करने के लिए राज्य और केन्द्र स्तरों पर पहले से स्थापित जांच इकाईयों और अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम करेगी
  • तेजी से बदलते साइबर क्राइम खतरों के संबंध में वास्तविक समय पर कार्रवाई करने की क्षमता रखेगी
  • साइबर और साइबर जनित अपराधों की जांच करने के लिए सहभागियों के साथ सहयोग करने में समर्थ होगी

3. संयुक्त साइबर क्राइम जांच टीम के लिए प्लेटफार्म



  • इसका उद्देश्य मुख्य साइबर क्राइम थ्रेट और लक्ष्यों के विरुद्ध आसूचनाजनित अभियान चलाना और समन्वित कार्रवाई करना
  • इससे साइबर क्राइम के विरूद्ध संयुक्त पहचान करने, प्राथमिकता, तैयारी और बहु-क्षेत्राधिकार रखने की सुविधा मिलेगी

4. राष्ट्रीय साइबर क्राइम फोरेन्सिक प्रयोगशाला (NCFL) पारिस्थितिकी



  • नई डिजीटल प्रौद्योगिकी और तकनीक के परिणाम के रूप में साइबर क्राइम का फोरेन्सिक विश्लेषण और जांच
  • जांच प्रक्रिया को सहायता प्रदान करने के लिए एक केन्द्र विकसित करना। एनसीएफएल और सम्बद्ध केन्द्रीय फोरेन्सिक प्रयोगशाला को विश्लेषण और जांच कार्यकलाप करने के लिए ऐसे नए तकनीकी विकासों के साथ रूबरू रखने के लिए सुसज्जित और स्टॉफ युक्त करना जिनका प्रयोग करके नए तरीके अपराध किए सकते हैं

5. राष्ट्रीय साइबर क्राइम प्रशिक्षण केन्द्र (NCTC)



  • राष्ट्रीय साइबर क्राइम प्रशिक्षण केन्द्र (NCTC) की स्थापना साइबर क्राइम, प्रभाव परिरोधन और जांच, क्रत्रिम साइबर माहौल में प्रायोगिक साइबर क्राइम पहचान, परिरोधन और रेपोर्टिंग प्रशिक्षण देने पर केन्द्रित पाठ्यक्रम के मानकीकरण पर केन्द्रित करने के लिए की जाएगी
  • क्लाउड आधारित प्ररिक्षण प्लेटफार्म पर दिए जाने वाले मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स का विकास
  • राष्ट्रीय साइबर क्राइम प्रशिक्षण केन्द्र साइबर हमलों और इस प्रकार के साइबर अपराधों की जांच के बारे में उन्नत प्रकार के कृत्रिम प्रशिक्षण हेतु साइबर रेंज की स्थापना पर भी ध्यान देगI

6. साइबर क्राइम पारिस्थितिकी प्रबंधन यूनिट



  • पारिस्थितिकी प्रणाली विकसित करना जो शिक्षाविदों, उद्योग और सरकार को साइबर क्राइम आधारित सुस्थापित मानक प्रचालन प्रक्रियों को संचालित करने, उनकी जांच करने, साइबर क्राइम के प्रभावों और साइबार क्राइम पर कार्रवाई करने के क्षेत्र में एक साथ लाएगी
  • साइबर क्राइम का मुकाबला करने वाली पारिस्थितिकी प्रणाली के सभी घटकों के विकास के लिए शुरूआती (इनक्यूबेशन) सहायता प्रदान करना

7. राष्ट्रीय साइबर अनुसंधान एवं नवोन्मेषण केन्द्र



  • उभरती हुए प्रौद्योगिकी विकासों का पता करना, ऐसी संभावित असुरक्षा की पूर्व भविष्यवाणी करना जिनका साइबर अपराधियों द्वारा दुरूपयोग किया जा सकता है
  • सभी स्टेकहोल्डरों, चाहे वो शिक्षा के क्षेत्र, अथवा निजी क्षेत्र अथवा अन्तर-सरकारी संगठनों से हो, की क्षमता और विशेषज्ञता को परिपूर्ण करना
  • साइबर क्राइम, साइबर क्राइम प्रभाव परिरोधन और जांच पर केन्द्रित अनुसंधान और नवोन्मेष के क्षेत्र में ऐसे सभी संगठनों के साथ सामरिक भागदारी करना

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